Pageviews not inserted... संस्‍कृतजगत् : जालसंचिका

ऋक्सूक्त

वरुणसूक्त : ऋग्वेद ०१/२५

  sanskritjagat     02/09/2021 0

ऋक्सूक्त

इन्द्रसूक्त : ऋग्वेद ०१/३२

  sanskritjagat     02/09/2021 0

ऋक्सूक्त

सूर्यसूक्त : ऋग्वेद ०१/११५
  sanskritjagat     02/09/2021

यजुर्वेद सूक्तसंग्रह

शिवसङ्कल्पसूक्त : शुक्ल यजुर्वेद ३४/०१-०६
शिवसङ्कल्पसूक्त : शुक्ल यजुर्वेद ३४/०१-०६
  sanskritjagat     02/09/2021


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     अष्टाध्यायी महर्षि पाणिनि की सर्वोत्कृत्ष्ट रचना है । यह लौक...

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आचार्य पाणिनि के जीवन के विषय में प्रामाणिक सामग्री का अत्यन्त अभाव है । विभिन्न ग्रन्थाों...

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आचार्य पाणिनि से प्राचीन ८५ वैयाकरणों के नाम प्राप्त होते हैं । इनमें से १० वैयाकरणों...

  sanskritjagat     31/05/2021 0

व्युत्पत्ति – वि (उपसर्ग)+ आ (उपसर्ग)+ कृ (धातु)+ ल्...

  sanskritjagat     21/05/2021 1

चटका ब्रूते चूँ चूँ चूँवदति कुक्कुटः कुकडूँ कूॅं ।।...